भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा है कि रूस भारत का सबसे भरोसेमंद और स्थिर साझेदार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस ने कभी भी भारत के राष्ट्रीय हितों को नुकसान नहीं पहुँचाया है।
जयशंकर ने कहा,
“हमारी विदेश नीति समय-परीक्षित और भरोसेमंद साझेदारों पर आधारित है। रूस एक ऐसा देश है जिसने हमेशा भारत का साथ दिया है और हमारे हितों की रक्षा की है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की विदेश नीति किसी एक नेता या राष्ट्राध्यक्ष पर निर्भर नहीं होती, बल्कि यह पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों और दीर्घकालिक रणनीति पर आधारित होती है।
पश्चिम को भी दी सलाह
विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों को अप्रत्यक्ष संदेश देते हुए कहा कि भारत प्रचार नहीं, व्यावहारिक सहयोग चाहता है। उन्होंने आतंकवाद पर दोहरा रवैया अपनाने वालों को चेतावनी दी कि यह नीति अंततः उन्हें ही “भूत की तरह सताएगी”।
भारत-रूस संबंधों की विशेषताएं:
- दोनों देशों के बीच दशकों पुराना रक्षा सहयोग
- ऊर्जा, अंतरिक्ष और व्यापार में गहरा सहयोग
- 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य
आतंकवाद पर भी कड़ा रुख
पहुलगाम हमले का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने सवाल उठाया:
“ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में सुरक्षा क्यों मिली?”
उन्होंने कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है कि आतंकवाद पर सख्ती न बरती गई तो इसका खामियाज़ा वैश्विक स्तर पर भुगतना पड़ेगा।