देशभर में चल रहे ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब इस अभियान के तहत गांवों से मिली जमीनी रिपोर्ट के आधार पर नई कार्ययोजना तैयार की जाएगी, ताकि किसानों को वास्तविक लाभ मिल सके और खेती को आत्मनिर्भर व टिकाऊ बनाया जा सके।
कृषि मंत्री ने कहा, “हम सिर्फ कागज़ी योजनाओं पर भरोसा नहीं कर रहे। जो जानकारी और सुझाव गांवों के किसानों, ग्राम प्रधानों और स्थानीय अधिकारियों से मिले हैं, उन्हें केंद्र में रखकर ही हम आगे की दिशा तय करेंगे।”
अभियान का उद्देश्य
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का मुख्य उद्देश्य कृषि को समृद्ध, विज्ञान-सम्मत और लाभकारी बनाना है। इसके अंतर्गत देश के हजारों गांवों में कृषि शिविर, किसान संवाद, जैविक खेती प्रशिक्षण, और तकनीकी जानकारी के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
अब तक की प्रगति
अभियान के पहले चरण में देश के 2 लाख से अधिक गांवों में सर्वे और जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए। किसानों से फसल उत्पादन, सिंचाई, मृदा स्वास्थ्य, और विपणन से जुड़ी समस्याओं की जानकारी एकत्र की गई।
नई कार्ययोजना में ये होंगे फोकस क्षेत्र:
जल संरक्षण और सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा
मृदा परीक्षण और पोषण योजना
किसानों को डिजिटल जानकारी व प्रशिक्षण
कृषि उत्पादों का बेहतर भंडारण और विपणन
प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा
कृषि मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि स्थायी परिणाम देना है। इसके लिए स्थानीय रिपोर्टिंग और फीडबैक तंत्र को और मजबूत किया जाएगा।
किसानों की भूमिका अहम
उन्होंने किसानों से भी आह्वान किया कि वे अपनी ज़रूरतों और समस्याओं को बेझिझक साझा करें, ताकि योजनाएं नीचे से ऊपर की सोच पर आधारित हो सकें।