मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: किसानों के लिए वरदान

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में जानकारी देना है, जिससे वे उन्नत खेती कर सकें।

Mrida shawasthya card yojana

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना क्या है?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी भूमि की मिट्टी की गुणवत्ता और पोषक तत्वों की जानकारी प्रदान करना है, ताकि वे उचित उर्वरक और पोषण प्रबंधन कर सकें।

मुख्य उद्देश्य

  • मिट्टी की जांच द्वारा उसकी उर्वरता और पोषक तत्व स्तर जानना।
  • किसानों को वैज्ञानिक खेती के लिए मार्गदर्शन देना।
  • फसल उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करना।
  • रासायनिक उर्वरकों के अधिक प्रयोग को रोकना।

मिट्टी परीक्षण में क्या-क्या देखा जाता है?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड में निम्नलिखित तत्वों की जानकारी दी जाती है:

  • pH मान (मिट्टी की अम्लता या क्षारीयता)
  • नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटैशियम (K)
  • ऑर्गेनिक कार्बन स्तर
  • सल्फर, जिंक, आयरन, कॉपर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व

मृदा स्वास्थ्य कार्ड में क्या लिखा होता है?

  • मिट्टी की स्थिति का विवरण
  • आवश्यक पोषक तत्वों की सिफारिश
  • किस फसल के लिए कौन-सा उर्वरक कितना देना चाहिए
  • अगली मिट्टी जांच की सलाह

किसानों को क्या लाभ होता है?

  1. उर्वरक की लागत में कमी
  2. उत्पादन में बढ़ोतरी
  3. मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार
  4. लंबे समय तक टिकाऊ खेती

मृदा स्वास्थ्य कार्ड कैसे प्राप्त करें?

  1. नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र में संपर्क करें।
  2. सरकारी पोर्टल https://soilhealth.dac.gov.in पर जाकर पंजीकरण करें।
  3. मिट्टी का सैंपल दें और रिपोर्ट का इंतज़ार करें।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। इससे उन्हें स्मार्ट और लाभदायक खेती में मदद मिलती है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधारता है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी सहायक है।

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