आधार सिस्टम में गड़बड़ी! 14 साल में 11.7 करोड़ों मृत लोग 10.55 करोड़ अब भी सरकार की लिस्ट में ज़िंदा

देश की सबसे बड़ी पहचान प्रणाली ‘आधार’ को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पिछले 14 वर्षों (2011–2025) के दौरान देश में लगभग 11.7 करोड़ लोगों की मौत दर्ज की गई है, लेकिन इस अवधि में सिर्फ 1.15 करोड़ आधार नंबर ही डिलीट किए गए हैं। यह आंकड़ा न सिर्फ आधार डेटा की सटीकता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि इसके प्रशासनिक इस्तेमाल और सुरक्षा को लेकर भी चिंताओं को जन्म देता है।

यह जानकारी केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से सामने आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अंतर यह दर्शाता है कि लाखों मृत लोगों के आधार नंबर अभी भी सिस्टम में सक्रिय हो सकते हैं — जिससे फर्जीवाड़े, डुप्लीकेट लाभ, और घोटाले संभव हैं।

11.7 करोड़ मौतें, लेकिन सिर्फ 1.15 करोड़ आधार निष्क्रियकई राज्यों में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के बावजूद आधार अपडेट नहीं होताआधार का इस्तेमाल पेंशन, राशन, और सब्सिडी जैसी योजनाओं में होता है – जिससे फर्जी लाभार्थियों का खतरा बढ़ जाता है

आधार का इस्तेमाल लगभग हर सरकारी सुविधा में हो रहा है। अगर इसके आंकड़े सही नहीं होंगे, तो इससे वित्तीय नुकसान, नीति की विफलता, की कमी जैसे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

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