चंदन एक सुगंधित लकड़ी है जो मुख्यतः चंदन के पेड़ (Santalum album) से प्राप्त होती है। यह पेड़ भारत, इंडोनेशिया, नेपाल और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में पाया जाता है, लेकिन भारतीय चंदन को सबसे उत्तम माना जाता है। चंदन की लकड़ी हल्की पीली या भूरी रंग की होती है और इसमें प्राकृतिक खुशबू होती है जो वर्षों तक बनी रहती है।
चंदन का उपयोग धार्मिक, औषधीय और सौंदर्य उद्देश्यों के लिए हजारों वर्षों से किया जा रहा है। हिंदू धर्म में इसे पूजा-पाठ में विशेष स्थान प्राप्त है; चंदन का तिलक लगाने से मानसिक शांति मिलती है। आयुर्वेद में इसका उपयोग त्वचा रोग, सूजन, और मानसिक तनाव को दूर करने में होता है। चंदन का तेल भी अत्यंत कीमती होता है जिसे अरोमा थेरेपी और इत्र निर्माण में प्रयोग किया जाता है।
सौंदर्य प्रसाधनों में भी चंदन एक महत्वपूर्ण घटक है। यह त्वचा को ठंडक प्रदान करता है, मुंहासे और झाइयों को कम करने में सहायक होता है। चंदन पाउडर को गुलाब जल या दूध के साथ मिलाकर फेसपैक की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार, चंदन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि स्वास्थ्य और सौंदर्य में भी इसका उपयोग अत्यंत लाभकारी होता है।